ऐसा क्यूँ?
ऐसा क्यूँ?
इस पोस्ट में उछ ऐसी बातों की चर्चा करेंगे जिनके बारे में अक्सर उत्सुकता रहती है कि आखिर ऐसा क्यूँ होता है ओजोन परत क्या है फूलों में सुगंध क्यूँ आती है, चन्द्रमा प्रतिदिन अलग अलग रूप में क्यूँ दिखाई देता है, आदि इन बातों के बैज्ञानिक कारणों के बारे में बात करेंगे
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ऐसा क्यूँ? |
फूलों में सुगंध क्यूँ आती है?
फूलों में बाष्प,शील कार्बनिक पदार्थ पाए जाते हैं जिनसे उनमें सुगंध आती है सुगंध सिर्फ फूलों से नहीं बल्कि उनके एनी भाग जैसे लकड़ी, पत्तियां आदि से भी सुगंध आती है ! इनमें जो कार्बनिक पदार्थ होते हैं वे जैव रासयनिक क्रियाओं के फलस्वरूप ट्रपिन और बेंजीन के व्युत्पन्न पैदा करते हैं ! यह तैलीय संघटन होने के बाबजूद भी वास्तिवक तेल नहीं होते हैं और हवा के सम्पर्क में आते ही उड़ जाते हैं !
ओजोन की परत क्या है?
1- ट्रांफोस्फीयर
10 किलोमीटर तक का भाग
2- स्ट्रेतोस्फीयर
10 से 40 किलोमीटर तक
3- मेसोफीयर
4 -थर्मोस्फीयर
40 से 400 किलोमीटर तक
5- एक्सोफीयर
400 किलोमीटर से उपर के भाग को ,ऐक्सोफीयर कहलाता है
ओजोनपरत
स्ट्रेतोस्फीयर 10 से 40 किलोमीटर वाले भाग में ओजोन गैस अधिक सान्द्र अवस्था में पाई जाती है जिसके फलस्वरूप ओजोन गैस की एक परत बन जाती है जिसे ओजोन परत कहते हैं यह परत कुछ मिली मित्र की होती है लेकिन पृथ्वी के जीवन के लिए बहुत ही म्ह्तोपूर्ण होती है यह सूर्य से निकलने बाली हानिकारक पराबैंगनी किरणों को अवशोषित करके पृथ्वी पर पाए जाने वाले जीवन की रक्षा करती है ओजोन परत के न होने से पराबैंगनी किरणे पृथ्वी पर आती और इन किरणों से असाध्य रोग जैसे कैंसर आदि होने का खतरा बना रहता पृथ्वी के दक्षिण ध्रुव पर इस परत में एक छिद्र पाया गया है जो बैज्ञानिकों के लिए चिंता का विषय बन गया है
चन्द्रमा प्रतिदिन अलग अलग रूप में क्यूँ दिखाई देता है
हम जानते हैं कि चन्द्रमा सूर्य की रोशनी से प्रकाशित होता है सूर्य की रोशनी चन्द्रमा के जिस भाग पर पडती है वः भाग हमें दिखाई पड़ता है चन्द्रमा और सूर्य के बीच एक कोणीय दूरी होती है अमावस्या के बाद यह दूरी कम होने लगती इसलिए इसका बहुत ही कम भाग हमें दिखाई पड़ता है लेकिन जैसे जैसे यह दूरी कम होती है चन्द्रमा अधिक भाग हमें दिखाई पड़ने लगता है और चन्द्रमा का आकार बड़ा दिखाई देने लगता है
दोस्तों यह थीं कुछ रोचक बातें आशा है कि इन्हें पढकर आपके ज्ञान में ब्रिधि हुई होगी
सही फोटो गूगल से
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